यादों के झरोंखों से
****मतवाला**** *
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प्रिये, सुनो तुम मेरे दिल की
धडकन का संगीत नया
अपने उस गुजरे अतीत का
सब कुछ उसके साथ गया
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प्रिये, सुनो तुम मेरे दिल की
धडकन का संगीत नया
अपने उस गुजरे अतीत का
सब कुछ उसके साथ गया
आज पुरानी उन बातों को
फिर से ना दोहराओ तुम
ना तुम हो पहले सी बाला,
फिर से ना दोहराओ तुम
ना तुम हो पहले सी बाला,
और न मैं बालक वैसा II
बदल गया माहौल जगत का,
जहाँ कभी हम रहते थे
बचपन के निश्छल आँगन में,
दिन औ रातें ढलते थे
हो विद्यालय या घर आँगन,
था अपना साम्राज्य वहाँ
आज उसी भग्नावशेष पर
बैठे दीन अकिंचन सा II
जहाँ कभी हम रहते थे
बचपन के निश्छल आँगन में,
दिन औ रातें ढलते थे
हो विद्यालय या घर आँगन,
था अपना साम्राज्य वहाँ
आज उसी भग्नावशेष पर
बैठे दीन अकिंचन सा II
धरा वही, आकाश वही है
चाँद, सितारे वैसे हैं
पर्वत की सारी सुंदरता,
वन और उपवन वैसे हैं
सागर के अंतस में भी हैं
लहरें वही पुरानी सी
लेकिन क्यों लगता है जैसे
हम न रहे पहले जैसा II
चाँद, सितारे वैसे हैं
पर्वत की सारी सुंदरता,
वन और उपवन वैसे हैं
सागर के अंतस में भी हैं
लहरें वही पुरानी सी
लेकिन क्यों लगता है जैसे
हम न रहे पहले जैसा II
उस किशोरवय की भावुकता
में जो थी कसमें खाई
साथ जियेंगे, साथ मरेंगे
वह नासमझी कहलाई
बीत गए दिन अब बसंत के
यौवन का पतझड़ आया
हमें भुला कर मस्त रहो तुम
मैं खो जाऊं खुशबू सा II
----- मधुपांश
में जो थी कसमें खाई
साथ जियेंगे, साथ मरेंगे
वह नासमझी कहलाई
बीत गए दिन अब बसंत के
यौवन का पतझड़ आया
हमें भुला कर मस्त रहो तुम
मैं खो जाऊं खुशबू सा II
----- मधुपांश
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