***** लिलसा *****
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सुनु माय ! अहाँ हमरा सपना
चलि आउ कने किरपा करियौ I
हम जाहि सिनेहक प्यासल छी
भरि छाक पिबी बरखा करियौ II
जननी एहि चित्त देखी हम तँ
मनमोहक तोरहि रूप सदा,
नयना खुजिते बनि लोप एना
नहियेँ ककरो लिलसा तोड़ियौ II
किछु आस कतौ नहि लोकक छै
दुनिया भरि मे ककरा कहबै,
मम मोनक घाट उदास लगै
कनडेरि कने एम्हरो तकियौ II
चुपचाप कने मिनती सुनियौ
बकलेल मुदा सुत छी हमहूँ,
हम तोरहि कोरक लेल दुखी
नहि आब एना नयना मुनियौ II
बस अंतिम बात सुनू एकटा
बिनु आयल चैन न हैब अहूँ,
मधुपाँश अहाँ बिनु टूगर छै
निज आँचर दोग नुका रखियौ II
----- "मधुपांश"
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सुनु माय ! अहाँ हमरा सपना
चलि आउ कने किरपा करियौ I
हम जाहि सिनेहक प्यासल छी
भरि छाक पिबी बरखा करियौ II
जननी एहि चित्त देखी हम तँ
मनमोहक तोरहि रूप सदा,
नयना खुजिते बनि लोप एना
नहियेँ ककरो लिलसा तोड़ियौ II
किछु आस कतौ नहि लोकक छै
दुनिया भरि मे ककरा कहबै,
मम मोनक घाट उदास लगै
कनडेरि कने एम्हरो तकियौ II
चुपचाप कने मिनती सुनियौ
बकलेल मुदा सुत छी हमहूँ,
हम तोरहि कोरक लेल दुखी
नहि आब एना नयना मुनियौ II
बस अंतिम बात सुनू एकटा
बिनु आयल चैन न हैब अहूँ,
मधुपाँश अहाँ बिनु टूगर छै
निज आँचर दोग नुका रखियौ II
----- "मधुपांश"
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