Thursday, 18 October 2018

कविता जो आपमें जोश भर देगा। INSPIRATIONAL POEM

     लाखों ने पढ़ा आप क्यों नहीं?

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैं
कदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,
रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैं
सब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,
दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैं
दिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,
मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूं मैं
साथ चलता है, दुआओ का काफिला
किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नही हूं मैं....

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