आज देश का यही हाल हो गया.
दुनियॉं वाला दौलत का , दिवाना हो गया .दौलत ही आदमी का ,पैमाना बन गया ..
लोग कहते यही , मात्र साधन है यह .
आज साधन ही , जीवन का साध्य बन गया..
ये दौलत बनी थी ,सुख के लिये .
मानव जीवन वसर ,करने के लिये ..
पर यही चैन का है ,लुटेरा बना .
था जो र,वही आज भज्ञक बना ..
जाने कैसे बदल गयी , मनोवृत्तियॉं .
सब मे कैसे गयी घुस है ,ये खामियॉं ..
चोरी कर भी जो ,दौलत बनाते है लोग ,
प्रतिष्ठा नही कम वे , पाते हैं ़लोग ..
आज कीमत बहुत कम है ,ईमान का .
कद्र करते सभी आज ,बे- ईमान का ..
सच ही हंस आज चुगने,दाना लग गया .
कौवे को खाना ,मोती मिल गया ..
सेटिंग का जम कर ,जमाना आ गया .
अच्छे पदों पर ,लुचक्का छा गया ..
लुटेरा ही बैंक ,मैनेजर बना .
उसके सागीर्द ही ,बैंक का सहायक बना ..
चोर लुचक्के को ही ,पहरेदारी मिली .
ऊँट का थुथना जहॉं ,बूँट की ढे़री मिली ..
सारा चोर समाज आज ,मस्त हो गया .
इमानदारों का हौसला, तो पस्त हो गया ..
आयेगा फरिश्ता सुधारेगा सब .
लुचक्कों को सजा आ दिलायेगा तब ..़क़
क्यों कि तादाद बहुत ,इनकों समझें न कम .
खीर टेंढी.निपटने का सब में न दम ..
देश का है ये दुश्मन ,उसमें नम्बर वन .
कर सकता है कुछ भी ,बस पैसे का दम ..
छिपा है हम्हीं में ,
No comments:
Post a Comment